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Showing posts from April, 2021

सामंतवाद के गढ़ में आज़ादी के 73 वर्षों बाद अनुसूचित जाति के दुल्हों की घोड़ी पर चढ़कर निकासी निकाली गई।

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सामंतवाद के गढ़ में 73 वर्षों बाद अनुसूचित जाति का दुल्हा घोड़ी पर चढ़कर गुलामी से हुआ आजाद। आज दिनांक 27-04-2021 को राजस्थान की राजधानी जयपुर के गांव सूरजपुरा, विराटनगर में सामंतवादी सोच के लोगों ने अनुसूचित जाति के युवक से कहा था कि अगर घोड़ी पर बैठे तो गोली मार देंगे, अंत में भीम आर्मी चीफ के आह्वान पर आजादी के 73 वर्षों बाद, पहली बार अनुसूचित जाति के विनोद कुमार व मनोज दोनों दूल्हों की घोडी पर चढ़कर धूमधाम से डीजे के साथ शांतिपूर्वक बिंदोरी निकाली गई। आपको बता दें कि दो भाइयों में एक दूल्हा, विनोद कुमार आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) यूथ विंग का जिला प्रभारी है। यह साहसिक कदम उसी क्रांतिकारी साथी ने उठाया है। इस पूरे घटनाक्रम पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की पूरी नजर थी, उन्होंने शादी से पहले ही जिला प्रशासन से दूरभाष पर बातचीत करके प्रशासन को अलर्ट कर दिया था और यह भी कहा था कि मैं इस शादी में शामिल रहूंगा। जिला प्रशासन की ओर से चंद्रशेखर आजाद जी को पूरा आश्वासन दिया गया कि इस शादी में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी, अगर किसी असामाजिक तत्वों ने शांति भं

सिस्टम कौन है? सिस्टम को मोदी शब्द का पर्यायवाची बनाकर प्रधानमंत्री को गाली देना बंद कीजिए।

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सिस्टम कौन है? ------------------- सिस्टम को मोदी शब्द का पर्यायवाची बनाकर प्रधानमंत्री को गाली देना बंद कीजिये। व्यक्ति सिस्टम नहीं होता है। नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता में आये थे। उसके बाद से वो लगातार  सिस्टम सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। आइये देखते हैं पिछले सात साल में मोदीजी को सिस्टम बदलने में कितना संघर्ष करना पड़ा है और इसके नतीजे हुए हैं।  1.  मोदीजी ने प्रधानमंत्री कार्यालय में कदम रखते ही यह महसूस किया कि  सिस्टम तभी काम करेगा जब इससे नेहरू की छाप खुरच-खुरच कर मिटाई जाएगी। नेहरू की बनाई गई एक संस्था थी—योजना आयोग। मोदीजी ने कहा- इसका नाम बदल दो।  तो योजना आयोग बन गया नीति आयोग। फुल फॉर्म-- National Institution for Transforming India. न्यू इंडिया बनाने के लिए मोदीजी जिन धुरंधर को लेकर आये उनका नाम था अरविंद पनगढ़िया।  साल 2016 में मोदीजी ने अपना पहला मास्टर स्ट्रोक खेला और वो था—नोटबंदी। नीति आयोग के प्रमुख के तौर पर अरविंद पनगढ़िया का नाम लोगों को इसलिए याद होगा क्योंकि उन्होंने नोटबंदी के दौरान कैशलेस ट्रांजेक्शन करने वालों के लिए एक इनामी प्रतियोगिता शुरू करने

बीकानेर। दलित उत्पीडन की घटनाओं को लेकर गांधी पार्क से जिला कलेक्ट्रेट पैदल मार्च कर जिला कलेक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन।

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आज दिनांक 12 /4 /2021 को भीम आर्मी (भारत एकता मिशन) इकाई ,बीकानेर द्वारा राजस्थान प्रदेश के जिला बीकानेर में दलितों पर बढ़ रहे ,अमानवीय उत्पीड़न की घटनाओं एवं अनुसूचित जाति की बस्तियों में शराब के ठेके हटाने की मांग को लेकर गांधी पार्क से जिला कलेक्टर बीकानेर तक पैदल मार्च कर जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के मार्फत माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें बीकानेर जिले में पिछले दिनों दलित समुदाय पर घटित होने वाली घटनाओं के बारे में प्रशासन का ध्यान आकर्षित करवाया गया.  भीम आर्मी जिला प्रभारी राहुल सिद्धार्थ ने बताया कि बीकानेर जिले में आए दिन दलितों पर अत्याचार व मानवीय घटनाएं हो रही है जिला प्रशासन घटना के घटित होने के महीनों बीत जाने पर भी कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं कर रहे हैं,जिसके कारण बीकानेर जिले की प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष सागरमल गुडा़ ने बताया कि विगत वर्षों से बीकानेर जिले में अनुसूचित जाति के समुदाय पर लगातार अत्याचार व उत्पीड़न की घटनाएं घटित हो रही है जिसके कारण दलित समुदाय सदमे में ह