मेरे खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत षड्यंत्र किया गया है- भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद
मेरे खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत षड्यंत्र किया गया है - भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद
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भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भी विवादित ट्वीट को देखते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि मेरे एकाउंट से महिलाओं पर अभद्र भाषा के कुछ ट्वीट वायरल हो रहे हैं, जो कि बहुत निंदनीय है।
ज्ञात हो कि सहारनपुर हिंसा के संदर्भ में मैं 08 -जून- 2017 से 14-सितंबर-2018 तक जेल में था। विवादित ट्वीट इसी दौरान के हैं जिस संबंध मुझे जानकारी नही है। मैं महिलाओं का बहुत सम्मान करता हूँ।
उसके बाद चंद्रशेखर ने यह भी कहा है कि ट्विटर अकाउंट फरवरी 2018 में बना है और वे सितंबर 2018 में जेल से रिहा हुए हैं। रिहाई के बाद किसी कार्यकर्ता ने मुझे यह एकाउंट दिया। बाबा साहेब का सिपाही हूँ और बहन बेटियों का सम्मान सर्वोपरि है। ट्वीट बहुत ही गलत हैं। मैं एकाउंट में सुधार कर रहा हूं।
वहीं दूसरी ओर ट्विटर पर गुरुवार रात वायरल हुए विवादित ट्वीट को लेकर पूरे दिन ट्विटर पर घमासान मचा हुआ था. एक तरफ चंद्रशेखर आजाद की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी की पूरी आईटी सेल सक्रिय होकर #अरेस्ट_चंद्रशेखर_आजाद हैशटैग चला रही थी. उसी के विरोध मेंं बहुजन समाज के लोग #चन्द्रशेखर_हमारा_भाई_है यह हैशटैग चंद्रशेखर आजाद के समर्थन में चला रहे थे दोनों ही ट्रेंड हो रहे थे.
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने अपने उपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया ओर उसके बाद शाम को पूराने भीम आर्मी भारत एकता मिशन ऑफिशियल अकाउंट के ट्वीट को दिखाकर लोगों को सच्चाई से अवगत कराया उसमें साफ़ लिखा है कि 05-09-2018 को अपने एक कार्यकर्ता से ट्विटर अकाउंट लिया है और आज से इसका इस्तेमाल भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद करेंगे. आगे कहा कि बीजेपी व घटिया सोच विचार रखने वाले लोगों द्वारा कल से मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही है और तरह तरह के मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं। अन्त में उन्होंने कहा कि जिसने भी मुझे बदनाम व मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश की है उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाउंगा.
यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस ने विवादित ट्वीट की जांच की तो पता चला यह ट्वीट 2018 के हैं उस समय चंद्रशेखर आजाद जेल में थे।
दलित चिंतक, दिलीप मंडल ने ट्वीट कर कहा कि अगर एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद रहते हुए कोई आदमी हज़ारों ट्वीट कर सकता है तो उस राज्य के पूरे जेल और पुलिस डिपार्टमेंट को खुद को बर्खास्त कर लेना चाहिये। एनएसए में बंद आदमी की जैसी कड़ी निगरानी होती है,उसमें ये मुमकिन ही नहीं है।
दलित चिंतक, दिलीप मंडल ने दूसरी बार ट्वीट कर कहा है कि चंद्रशेखर आज़ाद मुर्गी चोरी में जेल नहीं गए थे। यूपी सरकार ने दलित आंदोलन से उसे दूर रखने के लिए उस पर सबसे कड़ा क़ानून एनएसए लगाकर उसे अधिकतम सुरक्षा में क़ैद किया था। उसके जेल में रहने के दौरान किए गए किसी ट्वीट की ज़िम्मेदारी आज़ाद की कैसे हो सकती है?
मजे की बात यह है कि सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ लिखने वाले सेक्युलर बुद्धिजीवी भी हाथ धोकर भीम आर्मी चीफ के पीछे पड़ गए थे. चंद्रशेखर आजाद ने कह भी दिया कि आपत्तिजनक ट्वीट उनके जेल में रहने के दौरान का है फिर भी ये लोग क्यों बदनाम कर रहे हैं.
इससे हमें समझना चाहिए कि जिस तरह के झूठे आरोप लगाकर चंद्रशेखर को मिटाने की जितनी तरह की कोशिशें अब तक हुई हैं और हो रही हैं, उससे यही साबित होता है कि ये बंदा कुछ लोगों की आँखों में ज़्यादा ही खटक रहा है।
पूरे मामले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से हिन्दुस्तान ने बातचीत की। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ एक सोची समझी साजिश के तहत षड्यंत्र किया गया है। भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा उन्हें बदनाम कर रही है। आजाद समाज पार्टी सहारनपुर से निकलकर पूरे देश में अपना विस्तार बना रही है, जो भाजपा को खल रहा है। आरोप लगाया कि यह सिर्फ उन्हें बदनाम करने की साजिश है। इसके लिए उन्होंने पुलिस में शिकायत भी की है। चंद्रशेखर ने कहा कि विवादित ट्वीट करने वाले के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दर्ज कराएंगे।
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